Tarun's Diary-"तरुण की डायरी से .कुछ पन्ने.."

फिर कोई लोभ का रावण , साधू सा वेश धर वोट मांगता है | शहीदों ने खिंची थी जो लक्ष्मण रेखा वो फिर लहू मांगती है || Tarun Kumar Thakur,Indore (M P) "मेरा यह मानना है कि, कवि अपनी कविता का प्रथम पाठक/श्रोता मात्र होता है |"

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Wednesday, June 8, 2011

अथ भ्रष्टासुर वध कथा - भाग ३

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क्रमश:  भाग  २   से  आगे   ना दिल्ली ही नयी थी  ना जनदेव दिल्ली में नए थे  पर पतिता राजनीति के  पैतरे हर पग नए थे  बहुत पहले  छल से  संविधा...
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