Tarun's Diary-"तरुण की डायरी से .कुछ पन्ने.."

फिर कोई लोभ का रावण , साधू सा वेश धर वोट मांगता है | शहीदों ने खिंची थी जो लक्ष्मण रेखा वो फिर लहू मांगती है || Tarun Kumar Thakur,Indore (M P) "मेरा यह मानना है कि, कवि अपनी कविता का प्रथम पाठक/श्रोता मात्र होता है |"

Tuesday, January 9, 2024

कवि पर कविता , कविता में कवि !

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कोई एक कारण  कोई एक विषय  नहीं होता सबब  ना ही छिपी कुंठाए  या व्यग्र भावनाएं   बन सकती है आधार  सृजन का  जब बात कविता की हो  तो संवेदना चाह...
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हे माँ हिंदी भावभरी !

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हिंदी का मान हमसे है ! हिंद का अभिमान है, हिंदी | इतनी सी आस और है बंधू विश्वभाल दमके ये बिंदी || अपनी भाषा अपना गौरव , जाने कब के भूले तुम...
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व्याख्याएँ

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एक शब्द में  समेट लेता था मैं पहले  रिश्तें , आदर  और  संवेदनाएं | तुमने  जब तक  दिए ना थे ... प्रचलित पर्याय | नाकारों ने  पीकदान की तरह थू...
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Tuesday, June 20, 2023

कही अनकही कविता हूँ मैं

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समर शेष बहुत जीवन का अभी कहा जीता हूँ मैं , बाहर से बैचैन बहुत  भीतर तक रीता हूँ मैं ! मौन मंथन रत एकाकी , विकल हला पीता...
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Thursday, June 15, 2023

पृच्छामि त्वां धर्मसम्मूढचेताः - धर्म के आचरण में भी दुविधा, क्यों ? प्रभु !!

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  श्रीमद्भगवद् गीता  अध्याय 2 -भाग २   श् रीमद्भगवद् गीता  अध्याय 2 -भाग १  से आगे अर्जुन बोला तब श्रीकृष्ण से...   हे मधुसूदन ! हे अ...
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Saturday, May 27, 2023

तकनीक की बलि चढ़ता बचपन

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कितने उदास है बच्चे आजकल यु ही नहीं चिपके रहते वो फोन से , हर पल  एक पेड़ एक चिड़िया भी तो दोस्त नहीं उनकी थक गए है भाई बहन भी अब झगड़ झगड़ तमाम...
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Saturday, May 20, 2023

भविष्य की नीव में

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गीता का रहस्य / उसका कर्मवाद / प्रेमचंद की पिसनहारी / से गोर्की के आवारा मसीहाओं तक.. बहुत सटीक संदर्भित है जीवन    पता नहीं क्यों हम पुराने...
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