Tarun's Diary-"तरुण की डायरी से .कुछ पन्ने.."

फिर कोई लोभ का रावण , साधू सा वेश धर वोट मांगता है | शहीदों ने खिंची थी जो लक्ष्मण रेखा वो फिर लहू मांगती है || Tarun Kumar Thakur,Indore (M P) "मेरा यह मानना है कि, कवि अपनी कविता का प्रथम पाठक/श्रोता मात्र होता है |"

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Thursday, May 5, 2011

कठिन है मुसलमां होना

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रोज खबरों पर  मिडिया में  खुद को देखते  पढ़ते  सुनते  समझ  बौराने लगी है   एक मेरे सिवा  सब को  फ़िक्र है  मेरी नहीं  मेरे मजहब  और  उस प...
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Tarun / तरुण / தருண்
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