Tarun's Diary-"तरुण की डायरी से .कुछ पन्ने.."

फिर कोई लोभ का रावण , साधू सा वेश धर वोट मांगता है | शहीदों ने खिंची थी जो लक्ष्मण रेखा वो फिर लहू मांगती है || Tarun Kumar Thakur,Indore (M P) "मेरा यह मानना है कि, कवि अपनी कविता का प्रथम पाठक/श्रोता मात्र होता है |"

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Friday, June 18, 2010

गाँधी

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गाँधी , एक शब्द है , जिसमे आत्मा भी है | गांधी ... एक विचार भर नहीं है | एक समस्या बन गया है ! उनके लिए , जिन्हों ने , सहज ही साध रक्खे है ...
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