Tarun's Diary-"तरुण की डायरी से .कुछ पन्ने.."

फिर कोई लोभ का रावण , साधू सा वेश धर वोट मांगता है | शहीदों ने खिंची थी जो लक्ष्मण रेखा वो फिर लहू मांगती है || Tarun Kumar Thakur,Indore (M P) "मेरा यह मानना है कि, कवि अपनी कविता का प्रथम पाठक/श्रोता मात्र होता है |"

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Thursday, December 29, 2022

परवाज़ ... एक उड़ान !

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  मैं छोटा , मेरा मतलब छोटा , मनसूबे / हौंसले है ... मगर छोटे !   लगा मत बैठना ... मेरी परवाज़ का अंदाजा !!! देखकर ... ये मेरे ...प...
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Tarun / तरुण / தருண்
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