Tarun's Diary-"तरुण की डायरी से .कुछ पन्ने.."

फिर कोई लोभ का रावण , साधू सा वेश धर वोट मांगता है | शहीदों ने खिंची थी जो लक्ष्मण रेखा वो फिर लहू मांगती है || Tarun Kumar Thakur,Indore (M P) "मेरा यह मानना है कि, कवि अपनी कविता का प्रथम पाठक/श्रोता मात्र होता है |"

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Monday, April 18, 2011

भारतीयता मौलिक ही रहेगी

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या यू कहे  कि मौलिकता ही  भारतीयता है  तो  ज्यादा सही होगा  ज्यादा करीब होगा  उस सच के  जो  छुप गया है  दब गया है  बाजारू सोच  और  हरदम ...
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