Tarun's Diary-"तरुण की डायरी से .कुछ पन्ने.."

फिर कोई लोभ का रावण , साधू सा वेश धर वोट मांगता है | शहीदों ने खिंची थी जो लक्ष्मण रेखा वो फिर लहू मांगती है || Tarun Kumar Thakur,Indore (M P) "मेरा यह मानना है कि, कवि अपनी कविता का प्रथम पाठक/श्रोता मात्र होता है |"

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Wednesday, March 8, 2023

माँ तुम कैसी हो ?

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माँ तुम कैसी हो ?  आज पूछना चाहा मगर फोन नहीं लगा | अगर लग भी जाता तो ज्यादा बात नहीं होती| वही हमेशा की तरह कैसे हो बेटा हम सब...
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