Tarun's Diary-"तरुण की डायरी से .कुछ पन्ने.."

फिर कोई लोभ का रावण , साधू सा वेश धर वोट मांगता है | शहीदों ने खिंची थी जो लक्ष्मण रेखा वो फिर लहू मांगती है || Tarun Kumar Thakur,Indore (M P) "मेरा यह मानना है कि, कवि अपनी कविता का प्रथम पाठक/श्रोता मात्र होता है |"

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Wednesday, February 8, 2023

मुझे कुछ कहना है !

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बहुत भीड़ है हर जगह भीतर तो  बाहर से ज्यादा जमघट है अंदर की अदालतों और सदनों में सुनवाई होती नहीं कि एक नई अर्जी फिर कोई चुपचाप लगा जाता है ...
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Tarun / तरुण / தருண்
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