Tarun's Diary-"तरुण की डायरी से .कुछ पन्ने.."

फिर कोई लोभ का रावण , साधू सा वेश धर वोट मांगता है | शहीदों ने खिंची थी जो लक्ष्मण रेखा वो फिर लहू मांगती है || Tarun Kumar Thakur,Indore (M P) "मेरा यह मानना है कि, कवि अपनी कविता का प्रथम पाठक/श्रोता मात्र होता है |"

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Tuesday, August 3, 2010

वो....शिखर !

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जब मैंने पहाड़ पर चढ़ने के लिए सीढिया बनाना शुरू ही की थी उन्हें लगा मुझे मदद चाहिए होगी फिर वो मेरी जिंदगी में आयी कई वादों और नेक इरादे के...
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