Tarun's Diary-"तरुण की डायरी से .कुछ पन्ने.."

फिर कोई लोभ का रावण , साधू सा वेश धर वोट मांगता है | शहीदों ने खिंची थी जो लक्ष्मण रेखा वो फिर लहू मांगती है || Tarun Kumar Thakur,Indore (M P) "मेरा यह मानना है कि, कवि अपनी कविता का प्रथम पाठक/श्रोता मात्र होता है |"

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Sunday, April 16, 2023

आज फिर सपना देखा

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आज फिर  सपना देखा ... मज़हब से आतंक  राजनीति से अपराध  व्यापार से कालाधन  दफ्तरों से भ्रष्टाचार  अंचलों से बेरोजगारी  शह...
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