Tarun's Diary-"तरुण की डायरी से .कुछ पन्ने.."

फिर कोई लोभ का रावण , साधू सा वेश धर वोट मांगता है | शहीदों ने खिंची थी जो लक्ष्मण रेखा वो फिर लहू मांगती है || Tarun Kumar Thakur,Indore (M P) "मेरा यह मानना है कि, कवि अपनी कविता का प्रथम पाठक/श्रोता मात्र होता है |"

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Thursday, April 6, 2023

मैं क्या कह दू

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मैं क्या कह दू ? खुद से ! कि मौन हो जाऊ... बंद कर दू व्यर्थ जतन सारे , स्वयं को ही मनाने के... आते हो जब मुझे सौ बहाने ! रूठने के ...
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Tarun / तरुण / தருண்
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