Tarun's Diary-"तरुण की डायरी से .कुछ पन्ने.."

फिर कोई लोभ का रावण , साधू सा वेश धर वोट मांगता है | शहीदों ने खिंची थी जो लक्ष्मण रेखा वो फिर लहू मांगती है || Tarun Kumar Thakur,Indore (M P) "मेरा यह मानना है कि, कवि अपनी कविता का प्रथम पाठक/श्रोता मात्र होता है |"

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Saturday, March 4, 2023

एक ख़राब दिन , एक अच्छा दिन

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जैसे  तुम हो शुद्ध  शाकाहारी और  गुज़र जाओ  व्यस्त  मच्छी बाजार से               और ऐसे ही               कभी ...
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Tarun / तरुण / தருண்
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