Tarun's Diary-"तरुण की डायरी से .कुछ पन्ने.."

फिर कोई लोभ का रावण , साधू सा वेश धर वोट मांगता है | शहीदों ने खिंची थी जो लक्ष्मण रेखा वो फिर लहू मांगती है || Tarun Kumar Thakur,Indore (M P) "मेरा यह मानना है कि, कवि अपनी कविता का प्रथम पाठक/श्रोता मात्र होता है |"

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Thursday, July 1, 2010

सरस्वती-पुत्र, एक विडम्बना !

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ये वक़्त भी गुजर जाएगा फिर नया कोई दौर आयेगा | तब लिखूंगा कविता देशकाल और समाज पर मिल जाए पुरस्कार , कुछ राशि , रोयल्टी ...वगैरह | बिटिया का...
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