Tarun's Diary-"तरुण की डायरी से .कुछ पन्ने.."

फिर कोई लोभ का रावण , साधू सा वेश धर वोट मांगता है | शहीदों ने खिंची थी जो लक्ष्मण रेखा वो फिर लहू मांगती है || Tarun Kumar Thakur,Indore (M P) "मेरा यह मानना है कि, कवि अपनी कविता का प्रथम पाठक/श्रोता मात्र होता है |"

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Monday, June 14, 2010

मेरी कविता , तुम्हारी कविता

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मेरी कविता , तुम्हारी कविता कुछ लिख कर कह सुन कर जी हल्का हो जाता है ये भी लगता है की चलो किसी काम आये तो सहीं मेरे शब्द जिन्हें या तो मैं ...
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