Tarun's Diary-"तरुण की डायरी से .कुछ पन्ने.."

फिर कोई लोभ का रावण , साधू सा वेश धर वोट मांगता है | शहीदों ने खिंची थी जो लक्ष्मण रेखा वो फिर लहू मांगती है || Tarun Kumar Thakur,Indore (M P) "मेरा यह मानना है कि, कवि अपनी कविता का प्रथम पाठक/श्रोता मात्र होता है |"

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Tuesday, June 15, 2010

रहिमन पानी राखिये

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रहिमन पानी राखिये बिन पानी सब सुन पानी गए ना गुजरे अप्रेल मई और जून रहिमन पानी राखिये जाने कब आये मानसून पेपर , टीवी रेडियो कहे कमिंग सून ...
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