Tarun's Diary-"तरुण की डायरी से .कुछ पन्ने.."

फिर कोई लोभ का रावण , साधू सा वेश धर वोट मांगता है | शहीदों ने खिंची थी जो लक्ष्मण रेखा वो फिर लहू मांगती है || Tarun Kumar Thakur,Indore (M P) "मेरा यह मानना है कि, कवि अपनी कविता का प्रथम पाठक/श्रोता मात्र होता है |"

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Thursday, September 22, 2022

शिकायतें मगरूर है मगर ...

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    पूछो ना क्या याद रहा , क्या मैंने भुला दिया | उसका फिर याद आना , फिर मैंने भुला दिया || पलट पलट के किताबे-अतीत थक गया था मै | जागता रह...
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Tarun / तरुण / தருண்
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