Tarun's Diary-"तरुण की डायरी से .कुछ पन्ने.."

फिर कोई लोभ का रावण , साधू सा वेश धर वोट मांगता है | शहीदों ने खिंची थी जो लक्ष्मण रेखा वो फिर लहू मांगती है || Tarun Kumar Thakur,Indore (M P) "मेरा यह मानना है कि, कवि अपनी कविता का प्रथम पाठक/श्रोता मात्र होता है |"

Showing posts with label hindi poem by Tarun Kumar Thakur. Show all posts
Showing posts with label hindi poem by Tarun Kumar Thakur. Show all posts
Friday, January 13, 2023

वो पेड़ पतंगों वाला

›
याद है ना बचपन अपना , रोज नई नन्ही उमंगो वाला ! याद है वो पेड़ , पतंगों वाला ! जिस पर उग आती थी , लोहड़ी / सक्रांत पर , ढेरो पतंगे , सूत , मां...
6 comments:
›
Home
View web version

About Me

My photo
Tarun / तरुण / தருண்
View my complete profile
Powered by Blogger.