Tarun's Diary-"तरुण की डायरी से .कुछ पन्ने.."

फिर कोई लोभ का रावण , साधू सा वेश धर वोट मांगता है | शहीदों ने खिंची थी जो लक्ष्मण रेखा वो फिर लहू मांगती है || Tarun Kumar Thakur,Indore (M P) "मेरा यह मानना है कि, कवि अपनी कविता का प्रथम पाठक/श्रोता मात्र होता है |"

Showing posts with label part 1. Show all posts
Showing posts with label part 1. Show all posts
Tuesday, December 27, 2022

कुतस्त्वा कश्मलमिदं ...

›
   एक सार्वभौम प्रासंगिक सन्दर्भ : मधुसूदन उवाच ! (गीता : द्वितीय अध्याय - भाग १ )   तब उस  करुणामूर्ति ने  करुणापूरित  अश्रुरत  ...
›
Home
View web version

About Me

My photo
Tarun / तरुण / தருண்
View my complete profile
Powered by Blogger.