Tarun's Diary-"तरुण की डायरी से .कुछ पन्ने.."

फिर कोई लोभ का रावण , साधू सा वेश धर वोट मांगता है | शहीदों ने खिंची थी जो लक्ष्मण रेखा वो फिर लहू मांगती है || Tarun Kumar Thakur,Indore (M P) "मेरा यह मानना है कि, कवि अपनी कविता का प्रथम पाठक/श्रोता मात्र होता है |"

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Saturday, May 20, 2023

भविष्य की नीव में

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गीता का रहस्य / उसका कर्मवाद / प्रेमचंद की पिसनहारी / से गोर्की के आवारा मसीहाओं तक.. बहुत सटीक संदर्भित है जीवन    पता नहीं क्यों हम पुराने...
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