Tarun's Diary-"तरुण की डायरी से .कुछ पन्ने.."

फिर कोई लोभ का रावण , साधू सा वेश धर वोट मांगता है | शहीदों ने खिंची थी जो लक्ष्मण रेखा वो फिर लहू मांगती है || Tarun Kumar Thakur,Indore (M P) "मेरा यह मानना है कि, कवि अपनी कविता का प्रथम पाठक/श्रोता मात्र होता है |"

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Saturday, April 22, 2023

अंतर की आहटें

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  खोदते रहे सुरंगे निचोड़ते रहे धरती की तलहटी उन्हें जिंदगी अब  बड़ी खोखली सी लगती है ... !?!   # exploitation_of_natural_resources #greed 
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Wednesday, December 7, 2022

दीया और तूफ़ान

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बाहर .. अंधेरों में  तूफ़ान चल रहा था कोई |  ....  भीतर ..  दीये के  सूरज पल रहे थे कई ||
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Tuesday, December 6, 2022

दिल दियां गल्लां !

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      दिल है .... तो दुखता है , कम्बख्त रोता भी है ! रिश्ते है ना क्या करे .... ? रिश्तों में ऐसा होता ही है !! क्यों प्रेम की परीक्षा दू .....
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Tarun / तरुण / தருண்
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