Tarun's Diary-"तरुण की डायरी से .कुछ पन्ने.."

फिर कोई लोभ का रावण , साधू सा वेश धर वोट मांगता है | शहीदों ने खिंची थी जो लक्ष्मण रेखा वो फिर लहू मांगती है || Tarun Kumar Thakur,Indore (M P) "मेरा यह मानना है कि, कवि अपनी कविता का प्रथम पाठक/श्रोता मात्र होता है |"

Saturday, May 27, 2023

तकनीक की बलि चढ़ता बचपन

›
कितने उदास है बच्चे आजकल यु ही नहीं चिपके रहते वो फोन से , हर पल  एक पेड़ एक चिड़िया भी तो दोस्त नहीं उनकी थक गए है भाई बहन भी अब झगड़ झगड़ तमाम...
4 comments:
Saturday, May 20, 2023

भविष्य की नीव में

›
गीता का रहस्य / उसका कर्मवाद / प्रेमचंद की पिसनहारी / से गोर्की के आवारा मसीहाओं तक.. बहुत सटीक संदर्भित है जीवन    पता नहीं क्यों हम पुराने...
2 comments:
Thursday, April 27, 2023

श्रीकृष्ण अर्जुन संवाद : अर्जुन विषाद योग (श्रीमद्भगवद्गीता प्रथम अध्याय )

›
स्वयं के लिए  दिव्य चक्षु न स्वीकार , मांगे थे सारथी को ? क्योंकि  सुन ही सकता था  वह  पदचाप ! अपने , पराये , ...
14 comments:
Sunday, April 23, 2023

जिसने रचा विश्व

›
  जिसने रचा विश्व, ब्रह्माण्ड, धरा ,गगन, जल, अग्नि सहित समीर |  गहन वारिध को बांध,  तपा, वर्षाता,  बही: गतिमान,  अंत: स्थिर ||  तेज तमोगुण स...
1 comment:
Saturday, April 22, 2023

अंतर की आहटें

›
  खोदते रहे सुरंगे निचोड़ते रहे धरती की तलहटी उन्हें जिंदगी अब  बड़ी खोखली सी लगती है ... !?!   # exploitation_of_natural_resources #greed 
7 comments:
Friday, April 21, 2023

अक्षत

›
अक्षत  कुछ पुष्प  और  अक्षत के  दानो से  रीझ जाते है  देवों के अराध्य  ऐसा  क्या है  कि अक्षत के  आधे ही  दाने से  तृप्त  हो जाती है वसुंधर...
5 comments:

कर-कमल !

›
बहुत भोले हो ! ईतना भी नहीं जानते... सरकारें ! "नोट"  पर चलती है "वोट"  तो बहाना है आलीशान  कोठियों  के गि...
‹
›
Home
View web version

About Me

My photo
Tarun / तरुण / தருண்
View my complete profile
Powered by Blogger.