Tarun's Diary-"तरुण की डायरी से .कुछ पन्ने.."

फिर कोई लोभ का रावण , साधू सा वेश धर वोट मांगता है | शहीदों ने खिंची थी जो लक्ष्मण रेखा वो फिर लहू मांगती है || Tarun Kumar Thakur,Indore (M P) "मेरा यह मानना है कि, कवि अपनी कविता का प्रथम पाठक/श्रोता मात्र होता है |"

Tuesday, June 20, 2023

कही अनकही कविता हूँ मैं

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समर शेष बहुत जीवन का अभी कहा जीता हूँ मैं , बाहर से बैचैन बहुत  भीतर तक रीता हूँ मैं ! मौन मंथन रत एकाकी , विकल हला पीता...
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Thursday, June 15, 2023

पृच्छामि त्वां धर्मसम्मूढचेताः - धर्म के आचरण में भी दुविधा, क्यों ? प्रभु !!

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  श्रीमद्भगवद् गीता  अध्याय 2 -भाग २   श् रीमद्भगवद् गीता  अध्याय 2 -भाग १  से आगे अर्जुन बोला तब श्रीकृष्ण से...   हे मधुसूदन ! हे अ...
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Saturday, May 27, 2023

तकनीक की बलि चढ़ता बचपन

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कितने उदास है बच्चे आजकल यु ही नहीं चिपके रहते वो फोन से , हर पल  एक पेड़ एक चिड़िया भी तो दोस्त नहीं उनकी थक गए है भाई बहन भी अब झगड़ झगड़ तमाम...
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Saturday, May 20, 2023

भविष्य की नीव में

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गीता का रहस्य / उसका कर्मवाद / प्रेमचंद की पिसनहारी / से गोर्की के आवारा मसीहाओं तक.. बहुत सटीक संदर्भित है जीवन    पता नहीं क्यों हम पुराने...
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Thursday, April 27, 2023

श्रीकृष्ण अर्जुन संवाद : अर्जुन विषाद योग (श्रीमद्भगवद्गीता प्रथम अध्याय )

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स्वयं के लिए  दिव्य चक्षु न स्वीकार , मांगे थे सारथी को ? क्योंकि  सुन ही सकता था  वह  पदचाप ! अपने , पराये , ...
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Sunday, April 23, 2023

जिसने रचा विश्व

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  जिसने रचा विश्व, ब्रह्माण्ड, धरा ,गगन, जल, अग्नि सहित समीर |  गहन वारिध को बांध,  तपा, वर्षाता,  बही: गतिमान,  अंत: स्थिर ||  तेज तमोगुण स...
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Saturday, April 22, 2023

अंतर की आहटें

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  खोदते रहे सुरंगे निचोड़ते रहे धरती की तलहटी उन्हें जिंदगी अब  बड़ी खोखली सी लगती है ... !?!   # exploitation_of_natural_resources #greed 
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