Tarun's Diary-"तरुण की डायरी से .कुछ पन्ने.."

फिर कोई लोभ का रावण , साधू सा वेश धर वोट मांगता है | शहीदों ने खिंची थी जो लक्ष्मण रेखा वो फिर लहू मांगती है || Tarun Kumar Thakur,Indore (M P) "मेरा यह मानना है कि, कवि अपनी कविता का प्रथम पाठक/श्रोता मात्र होता है |"

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Tuesday, January 9, 2024

व्याख्याएँ

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एक शब्द में  समेट लेता था मैं पहले  रिश्तें , आदर  और  संवेदनाएं | तुमने  जब तक  दिए ना थे ... प्रचलित पर्याय | नाकारों ने  पीकदान की तरह थू...
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Tarun / तरुण / தருண்
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