Tarun's Diary-"तरुण की डायरी से .कुछ पन्ने.."

फिर कोई लोभ का रावण , साधू सा वेश धर वोट मांगता है | शहीदों ने खिंची थी जो लक्ष्मण रेखा वो फिर लहू मांगती है || Tarun Kumar Thakur,Indore (M P) "मेरा यह मानना है कि, कवि अपनी कविता का प्रथम पाठक/श्रोता मात्र होता है |"

Thursday, December 29, 2022

परवाज़ ... एक उड़ान !

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  मैं छोटा , मेरा मतलब छोटा , मनसूबे / हौंसले है ... मगर छोटे !   लगा मत बैठना ... मेरी परवाज़ का अंदाजा !!! देखकर ... ये मेरे ...प...
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Tuesday, December 27, 2022

बाबू अब तुम बड़े हो गए !

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  अपने बेटे को उसके बीसवे जन्मदिवस पर प्यार भरी सीख , ढेरो स्नेह और आशीर्वाद   के साथ !   बाबू अब तुम बड़े हो गए जिम्मेदारी समझोगे ! अपन...
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सेन्योरुभ्योर्मध्ये विषीदन्तमिदं - समर मध्य क्यों विहँसे गोविन्द ?

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    || सेन्योरुभ्योर्मध्ये विषीदन्तमिदं || सहजता निश्छलता करुणा सहज हास स्वभाव है जिनका , जो स्वयं ही माया पति लीला प्रपंच रचते रहते , नित ...

कुतस्त्वा कश्मलमिदं ...

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   एक सार्वभौम प्रासंगिक सन्दर्भ : मधुसूदन उवाच ! (गीता : द्वितीय अध्याय - भाग १ )   तब उस  करुणामूर्ति ने  करुणापूरित  अश्रुरत  ...
Wednesday, December 7, 2022

दीया और तूफ़ान

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बाहर .. अंधेरों में  तूफ़ान चल रहा था कोई |  ....  भीतर ..  दीये के  सूरज पल रहे थे कई ||
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Tuesday, December 6, 2022

दिल दियां गल्लां !

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      दिल है .... तो दुखता है , कम्बख्त रोता भी है ! रिश्ते है ना क्या करे .... ? रिश्तों में ऐसा होता ही है !! क्यों प्रेम की परीक्षा दू .....
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Thursday, December 1, 2022

बाबू ! सब्बै मीडिआ बिकाऊ ना बा ...

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    ससुर  इहा हर खबर बिकात बा  , अउ जो बिकात बा  सोइ ना छपात बा ! कहत हई के मीडिया बिकात बा ? अरे भाई हर खबर अब जरुरी तो नहीं होती , खबर छुप...
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