Showing posts with label 16 August 2010. Show all posts
Showing posts with label 16 August 2010. Show all posts

Monday, August 16, 2010

१६ अगस्त मनाओ

१६ अगस्त मनाओ

आज थोड़ा सड़को पर निकल जाओ
जहा से कल हुजूम निकला था
तथाकथित देशभक्तों का
सड़क के किनारे पड़े ,
नाली में
झंडे उठाओ (अगर कर सको )
फिर देखो
उस मैदान की तरफ
जहां
कल सभा हुई थी आम
जिसमे ख़ास लोग आये थे
उस मैदान में
कल तक
बच्चे
फूटबाल खेला करते थे
अब
पूरा मैदान गड्ढों से भरा है
भीतर कीचड़ और कचरा भरा है
देखो
सफ़ेद खादी पहने
जो गुंडा
कल
झंडे का सरेआम
अपमान कर रहा था
आज वसूली कर रहा है
पुलिसवाला
जिसकी कमाई
कल मारी गयी थी
ड्यूटी और खातिरदारी में
जिसकी भूक और नींद भी गयी थी
आज फिर
चुस्ती से चौराहे पर अडा है
लाल बत्ती पर
पहरा कडा है
आज
भले कही बम फूटे
चाहे
कोई घर लूटे
इनसे आस मत रखना
मगर
भीतर
कही भारत को ढूँढना
पोछना
सम्हाल कर रख देना
क्योकि
बीते कल
बहुत अपमान हुवा है
मेरे भारत का
लालकिले से चौराहे तक
(शहीदों और सुभाष की दुखती आत्मा को श्रद्धांजलि सहित..जय हिंद !)