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Saturday, February 13, 2010

मत भूल जाना

यू
संभावनाओं में
कल्पना से
सृजित
समस्याओं
के
समाधान
अब
चलन में हैं
बस
किसी तरह
इसे
उस
गरीब
को समझा सके
तो
सरकार फिर
अपनी
बनेगी
वो
मुरख
इतनी
आसानी से
बहलता
भी नहीं
इसके लियें ही
जतन
कियें है
हमने
हर गलीं
हर नुक्कड़ पर
शराबखानें
सस्तें
सुलभ
तम्बाकुं के
गुटाखें
और
बड़ी
मुश्किलों से
अनपढ़
बना कर
रखी जनता
के लियें
बारीक
अक्षरों में
लिखें
वैधानिक चेतावनियों
वालें
बीडी और सिगरेट
के
बाद
हमारा
अभिनव
प्रयास
है
कि
गलीं गलीं
प्रबंधन की
डिग्रीया
प्रसाद कि तरह
बांटने वाले
महाविद्यालय
नाम कि
दुकाने
खोली जाएँ
ताकि
नई पीढी
गलती से भी
गरीब
और
सर्वहारा
के
उत्थान
जैसा
विवेकहीन
कदम
उठा ना सके
अरे !!
ये
नींव के पत्थर है
दबे रहने दो
तभी तक
टिकी है
हमारी
गगन चूमती
अट्टालिकाएं |
आओं
अधिक से अधिक
महिलाओं
और
युवाओं
को
इनका नेता बनाएं
पर
मत भूल जाना
कि
वो
महिला तुम्हारें
या
नेताजी के
घर कि
ही हो
और
देश
का विकास
तो तभी
संभव है
जब
युवाँ भी
पार्टी अध्यक्ष
का
बेटा / बहु / बेटी
ही
हो !