Showing posts with label Hindi poems by Tarun. Show all posts
Showing posts with label Hindi poems by Tarun. Show all posts

Thursday, February 23, 2023

न्याय भी तो समय ही है ना .. ?



(दृश्य एक )
-----

कोई 
कब्र खोदता है 
अँधेरे की 
गाड़ता है 
समय की निशानी 
एक शिलालेख 
जिस पर 
बना है कोई चिन्ह 
और नीचे लिखा है 
"मुझे वोट दो ... "

(पर्दा गिरता है )
-----
(दृश्य दो)

सौ बरसनुमा 
कई सदियों के बाद 
खुदती है कब्रें 
निकलते है पत्थर 
जो 
शर्म से 
पिघलने लगे है 
नजर भर पड़ने से 
दरकने लगे है |
 
(कोई पर्दा नहीं गिरता...