फिर कोई लोभ का रावण , साधू सा वेश धर वोट मांगता है | शहीदों ने खिंची थी जो लक्ष्मण रेखा वो फिर लहू मांगती है || Tarun Kumar Thakur,Indore (M P) "मेरा यह मानना है कि, कवि अपनी कविता का प्रथम पाठक/श्रोता मात्र होता है |"
सुन्दर
धन्यवाद आदरणीय सुशील कुमार जोशी जी ।
शाद्वल शब्द का बहुत सुन्दर प्रयोग....आपकी कविताएं मन को छूने में कामयाब
सुन्दर
ReplyDeleteधन्यवाद आदरणीय सुशील कुमार जोशी जी ।
ReplyDeleteशाद्वल शब्द का बहुत सुन्दर प्रयोग....आपकी कविताएं मन को छूने में कामयाब
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