Thursday, February 11, 2021

बड़े वो है ..... मुहलगे !


 

हमारे वो ...
वैसे तो
कुच्छ नहीं
हमारे सामने |
कुच्छ कहती नही हूँ
उनको
इसलिए कि
वो है
नेता जी के
बड़े ही
मुहलगे ||

आग मूत रक्खी है
मोहल्ले में
समझाती नहीं हूँ ...
जाने दो जीजी
कौन
ऐसो के
मूह लगे !!


4 comments:

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    1. आदरणीय डाँ. साहब सादर वंदन !
      जय श्री राम। राधे-राधे।

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  2. निशब्द करते सपष्ट भाव

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    1. आदरणीय संजय भास्‍कर साहब !
      सादर वंदन एवं हार्दिक आभार !!

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