एक आग सी
लगी है
वतन को
और
वीर सारे
कही
बहस में है !
जला के
घर अपना
तापते !
बदहवास
सब ,
एक नई
बहस में है !!
वतन पे
जान देने वाले ,
सोचते है ...
सरहदों पे
कब तक ,
यु मरे...
लुट चुकी
अस्मत पे भी
टी.आर.पी. ....???
गोया ,
सारे मजे ही
बहस में है !!
पडोसी
दुश्मनों ... !!
सरहदों को लांघ के ,
ज़रा
चुपके से ...
आना तो प्यारे !
आंखे सेकता ...
जुबान चलाता ...
मेरा
प्यारा वतन
अभी
बहस में है ...
एक बहस
अभी
ख़त्म हुई नहीं ,
लो ...
एक बहस ,
खुद
बहस में है ??
बहस
पे
बहस ,
की
बहस
में ,
करता
बहस
जो ,
खुद
अभी
बहस में है ....