माँ नर्मदे ! माँ नर्मदे !!
आशा भरे उत्थान दो माँ
माँ नर्मदे ! माँ नर्मदे !!
आँचल में ही
शिव धाम दो माँ
गति भी हो
सन्मति भी दो
उन्नति सहित
विश्राम दो माँ...
उत्साह का
आशीष दो माँ !
माँ नर्मदे ! माँ नर्मदे !!
आशा भरे
माँ शक्ति-युता
माँ मैकल-सुता
माँ मैकल-सुता
माँ अमृत-नुता
माँ अविरल -द्रुता
करुणा का तुम
वैराग्य का
सहज योग का
अमित ज्ञान दो माँ
माँ नर्मदे ! माँ नर्मदे !!
नित ध्यान का
सद्ज्ञान का
आशीष दो माँ
आश्रय मिला
तेरी छाँव में
वैभव भरा
मेरी नाव में
मेरी शब्दांजलि
स्वीकार लो माँ ...
माँ नर्मदे ! माँ नर्मदे !!
उत्सव का तुम
उल्लास का
आशीष दो माँ ! .....
नम: मातु नर्मदे,शिव-तनया,
मैकलसुता
!
पुण्या कनखले गंगा कुरुक्षेत्रे सरस्वती। ग्रामेवा यदि वारण्ये पुण्या सर्वत्र नर्मदा। त्रिभि:सारस्वतं पुण्यं सप्ताहेनतुयामुनम्। सद्य:पुनातिगाङ्गेयंदर्शनादेवनर्मदाम्।