माँ तुम कैसी हो ?
आज
पूछना चाहा
मगर
फोन नहीं लगा |
अगर
लग भी जाता
तो
ज्यादा बात नहीं होती|
वही
हमेशा की तरह
कैसे हो बेटा
हम सब ठीक है ,
अपना ख्याल रखना,
आदि
दोहराए जाते |
माँ मैं तुमसे कहना चाहता हू, कई बाते मगर तुम उसे टाल दोगी | जानता हू पूरा बचपन और जवानी गुजार दी मैंने , तुम्हारे आँचल की कवचनुमा छाव में , अब किसी और से उस गोद उस स्नेह स्पर्श आँचल और काँधे की उम्मीद सपना भर लगती है | फिर भी
बहुत घनी
है,
अब भी
उन यादों की छाव ,
गुजारने को
सौ जीवन ,
हो चाहे
नरक सामान ...
माँ तुम क्या हो ये सिर्फ मैं जानता हू | तुम भी शायद ये ना जान पाओगी , कितना अनोखा है ना माँ-बेटे का ये रिश्ता ! आज जब अपने बेटे को , उसकी माँ की गोद में मचलते, अनुनय करते , दुलारे जाते देखता हू तो अनायास उस स्राष्टिकर्ता पर उसके अजब करतब पर
बस
हैरान होकर
रह जाता हू
अपने बेटू की
प्यारी "मम्मी" को
मै भी
कभी कभी .....
"माँ"
कह जाता हू !
~ महिला दिवस की शुभकामनाए ~
सिर्फ एक शब्द.....
ReplyDeleteT O U C H E D ..........
अपके ब्लाग पर कमेन्ट पोस्ट नही हो सका। इसे वहाँ पोस्ट कर दें धन्यवाद।
ReplyDeleteमाँ
तुम क्या हो
ये
सिर्फ मैं जानता हू
तुम भी
शायद
ये
ना जान पाओगी शायद
माँ भगवान की सर्वश्रेष्ठ कृ्ति है। बहुत भावमय रचना है। शुभकामनायें
Nirmla Kapila
maa ke har shabd kam hai.
ReplyDeleteसार्थक और बेहद खूबसूरत,प्रभावी,उम्दा रचना है..शुभकामनाएं।
ReplyDeleteजी नमस्ते ,
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल गुरुवार(०९ -०३-२०२३) को 'माँ बच्चों का बसंत'(चर्चा-अंक -४६४५) पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित है।
सादर
आदरणीया अनीता सैनी जी , प्रणाम !
Deleteआपको एवं समस्त चर्चामंच परिवार को होलिकोत्सव एवं महिला दिवस की हार्दिक शुभकामनाये !
रचना को आदर देने के लिए आपका बहुत बहुत आभार !
जय माता दी !
उम्दा रचना
ReplyDeleteआदरणीय , प्रणाम !
Deleteआपको होलिकोत्सव की हार्दिक शुभकामनाये !
माँ निस्वार्थ प्रेम का दूसरा नाम है
ReplyDeleteआदरणीया अनीता जी , प्रणाम !
Deleteआपको होलिकोत्सव एवं महिला दिवस की हार्दिक शुभकामनाये !
एवं आभार !
जय माता दी !
हृदय की गहराई से निकली हृदय स्पर्शी रचना।
ReplyDeleteबहुत सुंदर।
आदरणीया ! प्रणाम !
Deleteबहुत आभार एवं अभिनन्दन