वैसे ही मातहत
डरा रहे थे .. मंत्री जी
हद ही पार कर दी है
ताबड़तोड़
महामना के फड़कता हुआ !!
अच्छा सा ???
अध्यादेश निकलवाईये ...
विधान? की
थोड़ी तो मर्यादारखनी होगी !!
अब हमें ही
ईन भटके हुवे आंकड़ों की
फिर कोई लोभ का रावण , साधू सा वेश धर वोट मांगता है | शहीदों ने खिंची थी जो लक्ष्मण रेखा वो फिर लहू मांगती है || Tarun Kumar Thakur,Indore (M P) "मेरा यह मानना है कि, कवि अपनी कविता का प्रथम पाठक/श्रोता मात्र होता है |"
आज कि राजनीति पर सटीक लिखा है ... आंकड़े सही हैं या गलत क्या पता ...
ReplyDeleteसीधा प्रहार आज की ढूलमूल व्यवस्था पर ।
ReplyDeleteसुंदर।
आंकड़ों के आंकडे से तो भगवान ही बचाए
ReplyDeleteआज की व्यवस्था पर सटीक प्रहार... आजकल मूलभूत दिक्कतों पर कोई बात ही नहीं करता है... बस बिना वजह के मुद्दे उछाले जाते हैं ताकि जनता का ध्यान भटकता रहे.....
ReplyDeleteसटीक प्रहार बहुत व्यस्त था बहुत मिस किया ब्लोगिंग को बहुत जल्द सक्रिय हो जाऊंगा!!
ReplyDeleteI think this is one of the most significant info for me. And I'm glad reading your article.
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