Sunday, February 19, 2023

सुलगता बसंत

 

DH Toon | The black sludge of 'religious fanaticism' | Deccan Herald


अलाव सा
जल उठा है
बसंत इस बार
ये तपिश
फरवरियों में
इतनी तो ना रही थी कभी !

बैचेन परिवेश
अजीब खबरे
एक घुटी घुटी सी
अनजान घबराहट
गावों से शहरों तक
चेहरा बन
उघड़ आई है
नकाबों के हटते ही 

भीड़ है
कथा पंडालों
धर्मस्थलो पर
आस्था का उबाल
दिशा के बगैर
अनुशासन बिना
संकेत है
सरकार की
सफलता ?
और
तंत्र  की
मजबूती का ??

देख नहीं रहे
सख्त
नियंत्रण है
शासन का
हालातों पर !

तुम भी
ख़्वामखा
घबरा उठते हो
खुश होने की बातों पर ?
 
Religion without philosophy is sentiment, or sometimes... | Picture Quotes

4 comments:

  1. वसन्त का सुहानापन वसन्त से अधिक हमारे मन में होता है. बहुत विचारशील सुन्दर कविता

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    1. आदरणीया गिरिजा कुलश्रेष्ठ जी ! प्रणाम !
      बहुत आभार एवं अभिनन्दन
      जय श्री कृष्ण जी !

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  2. वाक़ई फ़रवरी में पारा आसमान छूने लगा है, अब आगे क्या होगा

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    1. आदरणीया अनीता जी ! प्रणाम !
      बहुत आभार एवं अभिनन्दन
      जय श्री कृष्ण जी !

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