Wednesday, February 8, 2023

मुझे कुछ कहना है !

Cave Paintings Ancient Handpainted Petroglyphs Various Animals And Hunters  In A Primitive Tribal Style Stock Illustration - Download Image Now - iStock

बहुत भीड़ है
हर जगह
भीतर तो 
बाहर से ज्यादा
जमघट है

अंदर की
अदालतों
और सदनों में
सुनवाई
होती नहीं
कि एक नई अर्जी
फिर कोई
चुपचाप
लगा जाता है

अफवाहों पर
क्या कहे
उड़ती ही है
अनाम से
बेनाम तक
फिर कोई
गोद लेकर
वारिसदार बना लेता है
बेवा  तोहमतों
मज़लूम मज़म्मतों का

खैर
मुद्दा ऐ कैफ़ियत
है कि
मौसम गुलाबी
हो चला है
हवाओं में भी
खुमारी है

खुली 
छूट है
अभयारण्यों में
आखेटों का मौसम जो है

राजा
रानियाँ
गुलाम , प्यादे
सब
अलमस्त
महुवे
ताड़ी
और भांग से
सराबोर
बराबरी में
आ बैठे है

झड़ चुके
ढाक  की आड़ से 
हिरण ,
सूखी घास को
अपलक निहारते
झुण्ड के झुण्ड
निकल आये है
आरक्षित
ओट से

एक विशाल 
वृह्द्द चरागाह
आमंत्रण है
शिकार
और शिकारी को

देख कर भी
अनदेखा करना
जीने की शर्त सा
अलिखित
संविधान है

रंग धानी 
न पहनो तो अच्छा है
चंद रोज
देख लो
रंग आसमानी 
हो ग़र   ...
फिर केसरी तो 
सबसे अच्छा है !

Cave Paintings Ancient Handpainted Petroglyphs Various Animals And Hunters  In A Primitive Tribal Style Stock Illustration - Download Image Now - iStock



सभी को फागुन की बहुत बहुत रंग भीनी शुभकामनाये !
जय श्री कृष्ण जी ! राधे राधे !!

12 comments:

  1. जी नमस्ते ,
    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल गुरुवार(०९ ०२-२०२३) को 'एक कोना हमेशा बसंत होगा' (चर्चा-अंक -४६४०) पर भी होगी।
    आप भी सादर आमंत्रित है।
    सादर

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    1. आदरणीया अनीता सैनी जी ! प्रणाम !
      रचना को समर्थन देकर मंच प्रदान करने के लिए हृदय से साधुवाद !
      चर्चामंच संचालक मंडली एवं आदरणीय डॉ. साहब को सादर प्रणाम !
      आपका दिन शुभ हो !
      जय श्री कृष्ण जी !

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  2. Replies
    1. प्रिय मित्र !
      आपका दिन शुभ हो !
      जय श्री कृष्ण जी !

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  3. बाहर का रंग कोई सा भी हो भीतर श्याम रंग लगा रहे

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    Replies
    1. आदरणीया
      सादर वंदन एवं हार्दिक आभार

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  4. वाह , सचमुच मन की दुनिया के जाने कितने रंग हैं.

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    Replies
    1. आदरणीया
      सादर वंदन एवं हार्दिक आभार

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  5. सुंदर अभिव्यक्ति

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    Replies
    1. आदरणीय
      सादर वंदन एवं हार्दिक आभार

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  6. रंग धानी
    न पहनो तो अच्छा है
    चंद रोज
    देख लो
    रंग आसमानी
    हो ग़र ...
    फिर केसरी तो
    सबसे अच्छा है !
    बहुत सुंदर और सटीक ,गहन भाव।

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    Replies
    1. आदरणीया
      सादर वंदन एवं हार्दिक आभार

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