ट्रेन के डिब्बे में
गपशप थी चालू
सभी खा रहे थे
समोसे बिना आलू
प्रधान जी बोले
अरे भोले
रेलवे का भी
बड़ा बुरा हाल है
लगता था
पहले
लालू की ससुराल है
अब ससुरा
पूरा बंगाल है
ये मिनिस्टर
इसे
भैंस की तरह
हांक रहे है
और हम
बर्थ के लिए
हाफ रहे है
और चारा ही क्या है
बिटुआ
पूरे देश का
ऐसा ही हाल है
कही बाढ़
कही जाड़ा
कही अकाल है
ऐसे में
जनता करे भी
तो क्या करे
जब
पी एम् ही लाचार है
हमने पूछा
चचा
टिकट लिए हो
बोले हां बिटुआ
हमने फिर पूछा
प्लेटफार्म पर
थूके हो
बोले हां बिटुआ
कितना मजा आया
मजा क्या बिटुआ
हक़ बनता है
टिकट लिए है
पूरा दस रुपिया दिए है
हमने कहा
उ जौन
राजधानिया में
बैठे
देश पर
कुल्ला करत है
उ दरअसल
टिकट खर्चे का
दरद है
अब बुझे
अरे
बुझे की नाही
लिखत लिखत
हमारी तो
सुखी जाय है स्याही
जय राम जी की भैया !