Monday, January 24, 2011

संविधान की पुण्यतिथि पर

शोक सभा होगी
लालकिले पर
तिरंगा फहराएंगे
नए नवाब
अति विशिष्ट अतिथियों
और
हद दर्जे कि सुरक्षा में
होगी परेड
जिसमे
नहीं दिखाया जाएगा
गरीब किसान,
महँगा राशन ,
कसमसाती गृहणी ,
लुटती व्यवस्था ,
ना ही
दर्शन होंगे
क्षेत्रीय
या
भाषाई एकता के
बल्कि
भाषण से झांकी तक
अनेकता ही दिखेगी
जिसमे
जोड़ दिया जाएगा
कोई नया अध्याय

सिमटती
सीमा रेखा पर
शर्मसार नहीं होना
गर्व करना
उधार
और
आयात के आयुध पर
जो
बढ़ते करों
और
शिक्षा
स्वास्थ्य
की कटौती से
ख़रीदे
कबाड़े
जायेंगे

स्वप्न दिखाती
परिकथा सी होगी
भाषण की परिपाटी
एक बार फिर
शर्मसार होगी
अमर ज्योति पर
शहीदों की माटी |

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