सोचा
चलो एक याचिका
हम भी
डाल आते है
क्या है ना कि
यहाँ के जज
हमारे मौसा है
तो साहब
डाल दिए अर्जी
कि
इच्छा मृत्यु चाहिए
बुलाये गए
कोर्ट मा
दुई वकील
पिल पड़े
सरकारी किताब का
लट्ठमार भाषा में
क्यों भाई कल्लू
इच्छा मृत्यु चाहिए ?
हम कही
हां साहेब
हुई सके तो
बड़ी मेहरबानी होगी
कागज़ पत्तर
सब तैयार है
कौनो कमी रही
तो हुजुर देख ले
बाकी तो
आप खुदे समझदार है
जो खर्चा होगा
देख लेंगे
एक बार
इच्छा मिरतु मिल जाय
बस
हमारे चहरे को
बड़े गौर से
तक रहे थे
काले कोट वाले बाबू
गले मा अटक गया
उनके तमाकू
बोले हीचकाय के
डोले मचकाय के
क्या राशन कार्ड बनवा रहे हो
हमें कोर्ट में ही
रिश्वत खिला रहे हो
अरे भाई
क्यों
अदालत का वक्त
बर्बाद करते हो
बताओ बात क्या है
क्यों मरना चाहते हो
एड्स , केंसर
या लकवा हुवा है ?
या ब्रेन डेड हो लिए हो
अरे भाई
अदालत ने
अभी छूट नहीं दी है
अभी संसद की
मुहर बाकी है
इसीलिए हमने
इस पर
ना
की है
का कहा हुजुर
तो का
इच्छा मिरत्तु भी
संसद ही देगी
ससुरों के पास
पहले का
पावर कम थी
जो उनका
जमराज बनाय रहे हो
अरे हत्यारन हाथों
इच्छा मृत्यु
थमाय रहे हो !!!
अरे
हम तो सोचे थे
महाभारत के
भीष्म की तरह
देश की जनता को
वरदान मिला है
एही खातिर
अरजी दिए थे
के कम से कम
मरने का अधिकार
तो
अपना होगा
अब तो लागत है
घर मकान
खेत दूकान
कि तरह
ये भी बस
सपना होगा
त़ा हम तो
बुझ लिए
बकील बाबू से
और
देखे जाइत है
गुजारिश
बाकी
ऐ हमार
किसान
मजूर भाई
ना मरिहोऊ
छोड़ के
घर बिटुआ
देश
इन हरामियन के हाथ
छोड़ के लावारिस |
बस
आपन तो
इतनी ही हो
जनता से गुजारिश |
very good.
ReplyDeletei like it.
bahut achho.......
ReplyDeleteTarun you are born to become a writer.
ReplyDeleteWhat the hell you are doing in Multimedia Developement?