Tuesday, April 20, 2010

इन्तेजाम

ढूँढना मुझे ,
जब खो जाऊ मैं
और
मेरी स्म्रतियों
के स्मारक बनाना
पर
अभी तो कोई बात नहीं
मैं जिंदा भी हूँ
और किसी काम
का भी नहीं
क्योंकि
मेरे नाम पर
कोई
अन्याय
कर ना सकोगे
मैं जो टोक दूंगा
सो
इन्तेजार करो
क्या कहा ...
इंतज़ार नहीं कर सकते !
तो ...
कोई
इन्तेजाम कर लो !

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