Thursday, September 9, 2010

मानव का ईतिहास

मानव का ईतिहास
मानवता के ह्रास का भी
दस्तावेज है
इसे झूठ के पुलिंदो
और
अनगिनत लाशों से
छुपा दिया गया है
करोड़ो शब्दों की
सुखी घास के पीछे
जो सुलग उठती है
सच और साहस के
एक झौके से
जो
पैदा होता है
भूख और युद्ध की कोख से
जिसमे जल जाते है
काले पड़ जाते है
कई चहरे
जो पूजे जाते थे
जलसा घरों से
न्यायालयों तक ...

अगर सच ही पढ़ना है
तो
कहानी या कविता पढ़ना
वरना वक्त बिताने के लिए
ईतिहास अच्छी चीज है |

3 comments:

  1. अच्छे विचारों का खूबसूरत प्रस्तुतिकरण

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