अपने बेटे को उसके बीसवे जन्मदिवस पर प्यार भरी सीख , ढेरो स्नेह और आशीर्वाद के साथ !
बाबू अब तुम बड़े हो गए
जिम्मेदारी समझोगे !
अपना बचपन छोड़ के
एकदिन
हमरी चप्पलें जो पहनोगे ....
तब ही
शायद समझ सकोगे
उलझन हमरी
सब सांझे सुख दुःख
हंस गा कर
तुम भी ऐसे जी लोगे
जीवन क्या है ?
एक कपट जाल सा
मनुज उस में फंस जाते है
सब जीवो में
अलग जात है
बुद्धिमान कहलाते है ???
फिर रच रच
ना ना प्रपंच बहुत विधि
खुद ही को समझाते है !!!
पढ़ पढ़ पुराण
ईतिहास धुरंदर...
उसको ही
दोहराते है !!!
है वही आदतें
वही लड़कपन ,
वही खिलौने
नया कलेवर ,
रूप बदल कर
मृग-तृष्णा-तुर
अधुनातन कहलाते है ?
भोजन देना
भूखे को ,
दान कर सको
विद्या का कर देना
सब गौरव पा जाओगे !
बस यौवन / धन का
आग्रह मत रखना ,
मौज में रहना
सहज में कहना !
वर्तमान ही
जीवन है
बीत गई
सो बात गयी !
आगे का आगे सोचेंगे
बोझ ना मन पर
तनिक न लेना !
अंत समय
अपने मानस को
निर्मल ही
प्रभु चरण अर्पण कर देना !
अस्तु बिटुआ इतना ही
कहना है !
हमको तुमको
इस धरती / माटी में
रहकर / रचकर ही
बहुत प्रेम से ...धीरे धीरे
परिपाटी को ...
कुछ.. पहले से ... थोड़ा सा ही
बेहतर करना है !
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल गुरुवार (29-12-2022) को "वाणी का संधान" (चर्चा अंक-4630) पर भी होगी।
ReplyDelete--
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
--
डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
आदरणीय डॉ साहब सादर वंदन !आपको बहुत बहुत साधुवाद, स्नेह व आशीर्वाद बनाये रखे !
Deleteआपको व स्नेहीजनो को ,नव आंग्ल/प्रचलित नव वर्ष २०२३ की, बहुत बहुत शुभकामनाएं !
जय श्री कृष्ण जी ! जय भारत ! जय भारती !!
वर्तमान ही
ReplyDeleteजीवन है
बीत गई
सो बात गयी !
जन्मदिन पर अत्यंत सुंदर संदेश !
आदरणीया अनीता जी ,
Deleteबहुत बहुत धन्यवाद ! जय श्री कृष्ण !
बहुत ही सुन्दर
ReplyDelete
Deleteआदरणीय ओंकार जी !
सादर अभिनन्दन ! जय श्री कृष्ण जी !
उम्दा प्रस्तुति ।
ReplyDeleteआदरणीय दीपक कुमार भानरे जी !
Deleteधन्यवाद ! जय श्री कृष्ण जी !
जी नमस्ते ,
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (०१-०१-२०२३) को 'नूतन का अभिनन्दन' (चर्चा अंक-४६३२) पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित है।
सादर
आदरणीया अनीता सैनी जी ! नमस्कार !
Deleteक्षमा चाहूंगा ,देर से सही आपको एवं चर्चामंच को बहुत बहुत साधुवाद !
नव आंग्ल वर्ष एवं चर्चामंच की जयंती पर हार्दिक शुभकामनाये !
जय श्री कृष्ण जी ! जय भारत ! जय भारती !
प्रेरक गीत
ReplyDeleteआदरणीया गिरिजा कुलश्रेष्ठ जी ! नमस्कार !
Deleteआपको बहुत बहुत साधुवाद, स्नेह व आशीर्वाद बनाये रखे !
आपको व स्नेहीजनो को ,नव आंग्ल/प्रचलित नव वर्ष २०२३ की, बहुत बहुत शुभकामनाएं !
जय श्री कृष्ण जी ! जय भारत ! जय भारती !!
बहुत अच्छी सीख।
ReplyDeleteआदरणीया मीना शर्मा जी ! नमस्कार !
Deleteआपको बहुत बहुत साधुवाद, स्नेह व आशीर्वाद बनाये रखे !
आपको व स्नेहीजनो को ,नव आंग्ल/प्रचलित नव वर्ष २०२३ की, बहुत बहुत शुभकामनाएं !
जय श्री कृष्ण जी ! जय भारत ! जय भारती !!
बहुत सुन्दर तरुण जी, हार्दिक साधुवाद!--ब्रजेन्द्र नाथ
ReplyDeleteआदरणीय मर्मज्ञ जी नमस्कार ! आपको बहुत बहुत साधुवाद, स्नेह व आशीर्वाद बनाये रखे !
Deleteआपको व स्नेहीजनो को ,नव आंग्ल/प्रचलित नव वर्ष २०२३ की, बहुत बहुत शुभकामनाएं !
जय श्री कृष्ण जी ! जय भारत ! जय भारती !!
'अस्तु बिटुआ इतना ही
ReplyDeleteकहना है !
हमको तुमको
इस धरती / माटी में
रहकर / रचकर ही
बहुत प्रेम से ...धीरे धीरे
परिपाटी को ...
कुछ.. पहले से ... थोड़ा सा ही
बेहतर करना है!'... अगली पीढ़ी के लिए बहुत ही सुन्दर बोधगम्य सन्देश!
आदरणीय गजेंद्र भट्ट जी !
Deleteसदर वंदन ! धन्यवाद !
जय श्री कृष्ण जी !
जय श्री कृष्ण बन्धु!
ReplyDeleteआदरणीय गजेंद्र भट्ट जी !
Deleteआपको उत्तरायण पर्व , संक्रांति, पोंगल , बिहू एवं लोहड़ी की
बहुत बहुत शुभकामनाएं !
जय श्री कृष्ण जी !
शुभकामनाओं के लिए हार्दिक धन्यवाद प्रिय तरुण जी! आपको भी संक्रान्ति पर्व की बहुत बधाई एवं मधुरिम शुभकामनाएँ! जय श्री कृष्ण!
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