Friday, April 21, 2023

अक्षत




अक्षत 
कुछ पुष्प 
और 
अक्षत के 
दानो से 
रीझ जाते है 
देवों के अराध्य 
ऐसा 
क्या है 
कि अक्षत के 
आधे ही 
दाने से 
तृप्त 
हो जाती है
वसुंधरा 
और 
सुदामा को 
मिल जाता है
अतुल्य वैभव 
निश्चय ही 
निश्छल 
भाव ही 
होता है 
अक्षय 
और 
स्वीकृत 
उन चरणों को  
जिन्हें 
मां लक्ष्मी 
सराहती है | 
सभी सह्रदय भगवद भक्तों को अक्षय तृतीया की पुन्य वेला पर अक्षय शुभकामनाये |

ॐ श्री लक्ष्मी नारायणाय नम: |


5 comments:

  1. आप को भी अक्षय तृतीय की अक्षय शुभकामनाएँ|

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  2. आपको भी शुभकामना!

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  3. क्या है
    कि अक्षत के
    आधे ही
    दाने से
    तृप्त
    हो जाती है
    वसुंधरा
    और
    सुदामा को
    मिल जाता है
    अतुल्य वैभव
    निश्चय ही
    निश्छल
    भाव ही
    होता है
    बहुत सुंदर पावन भाव लिए रचना ....इस शुभ तिथि की शुभकामनायें आपको भी.....

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  4. अक्षय तृतीया के मर्म को समझाती सुंदर रचना

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    1. आदरणीया अनीता जी ! नमस्कार !
      आपको व स्नेहीजनो को ,अक्षय तृतीया की, बहुत बहुत शुभकामनाएं !

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