Friday, April 21, 2023

कर-कमल !


बहुत भोले हो !
ईतना भी नहीं जानते...
सरकारें !
"नोट" पर चलती है
"वोट" तो बहाना है

आलीशान कोठियों 
के गिर्द
पसरे ,अनचाहे कोटि 
कोटि फटीचरो से
किसी तरह निभाना है !

संसद,
संविधान,
चुनाव,
सब जरुरी है...
दिखावे
और
आड़ के लिए !

तुम भी
एकबार
ईस तरफ
जो आ पाओ
जान जाओगे
"जन्नत की हकीकत" प्यारे !

"लोकतंत्र" का 
डियर!
ईतना सा फ़साना है
ईस "हाथ" 
जाना है
उस "हाथ" को
आना है  ...  




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