बहुत सारे
गांधी
नजर आयेंगे
कुछ लोगो को
राम भी
याद आयेंगे
बाबा रामदेव भी
जुगाडासन लगायेंगे
दो चार करोड़
फर्जी
और
बीस पच्चीस करोड़
विथ मर्जी
वोटर लिस्ट में
जुड़ जायेंगे
बेरोजगार
दिग्भ्रमित
युवा
ना ना मोर्चो के
झंडे उठाएंगे
जेल भी जायेंगे
लाठियां
गोलियां
खायेंगे
सिम्पेथी की खातिर
एकाध गांधी
लुढ़का भी दिए जायेंगे
बीते मुद्दों की
मटियामेट
मजारों पर
भाषणों के
बासी फूल
चढ़ाएंगे
घराने
पुराने
दीवाने
सभी
किस्मत आजमाएंगे
छुट्टी वाले दिन
माध्यम वर्गी
झुंझलाते
निम्न वर्गी
धकियाते
उच्च वर्गी
इतराते
बटन दबाने जायेंगे
अंततोगत्वा
करोड़ो गधे मिलकर
नया धोबी
चुन आयेंगे
जो
संसद के
धोबीघाट पर
कलंकितों के
काले कपडे धोएगा
वक्त बेवक्त
विदेश जाकर
सोयेगा
मीडिया
और
विश्व मंच पर
रोयेगा
इससे
हमारी
निरुपारॉय वाली
रोतालू इमेज
फिर जमेगी
नयी सरकार
लुट खसोट के
नए पैतरे चलेगी
अपन को
इसमे
कोई इंटरेस्ट नहीं है
ये इंडिया
अपना भारत
जो नहीं है
अपने राम तो
स्वराज्य से सुराज के
सपने बुनेंगे
ऐसे ही किसी
लोकतंत्र के
मातमी ठीये पे
अपन फिर मिलेंगे