ले एक और
उत्तरायण हो गयी अस्त हुए पश्चिम में
शुभ संक्रांति हो
मेरी ,आपकी और सबकी
शेष जो इच्छा उसकी ...
जय हो श्री हरि ! हरि !!
फिर कोई लोभ का रावण , साधू सा वेश धर वोट मांगता है | शहीदों ने खिंची थी जो लक्ष्मण रेखा वो फिर लहू मांगती है || Tarun Kumar Thakur,Indore (M P) "मेरा यह मानना है कि, कवि अपनी कविता का प्रथम पाठक/श्रोता मात्र होता है |"
शुभ संक्रांति हो
मेरी ,आपकी और सबकी
शेष जो इच्छा उसकी ...
जय हो श्री हरि ! हरि !!
joshimath is sinking down , our fair Modi ! |
मैं छोटा ,
मेरा मतलब छोटा ,
मनसूबे / हौंसले है ...
मगर छोटे !
लगा मत बैठना ...
मेरी परवाज़ का अंदाजा !!!
देखकर ...
ये मेरे
...पर
छोटे !